भूली। रक्तदान को लेकर एक भ्रामक विचार हमारे समाज में है जिसके कारण लोग रक्तदान से बचते हैं और महिलाओं की भागीदारी पुरुषों के अपेक्षा कम है। भारत में महिलाओं की रक्तदान करने की हिस्सेदारी दस प्रतिशत से कम है। हाल के दिनों में प्रचार प्रसार के कारण महिलाओं की भागीदारी रक्तदान को लेकर बढ़ी है।
महिलाओं में कई जटिलताओं के कारण भी महिलाएं सक्षम नहीं हो पाती कि वह रक्तदान करे। लेकिन भ्रामक जानकारी के स्थान पर अगर जागरूक होकर देखा जाए तो महिलाएं भी रक्तदान करने में सक्षम हो सकती हैं। थोड़ी देखभाल और थोड़ी जागरूकता की आवश्यकता है।
सामाजिक कार्यकर्ता सावित्री देवी स्वयं रक्तदान करती हैं और महिलाओं को जागरूक करने के अभियान में लगी हुई हैं। सावित्री देवी ने विश्व रक्तदाता दिवस पर सभी रक्तरताओं को बधाई दी।
