देश का नेतृत्व मजबूत हाथों में हो तो संविधान सुरक्षित रहेगा – सीताराम प्रसाद

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देश आज अपने गणतंत्र का 75 वा वर्षगांठ मना रहा है। 1947 को आजादी मिलने के बाद 1950 में संविधान को लागू किया गया। हमारा संविधान देश के हर नागरिक की सुरक्षा और उसके अधिकारों की रक्षा करता है। हमारा संविधान मानव जीवन के साथ प्रकृति और पशुओं की रक्षा भी करता है। दुनिया का सबसे बड़ा संविधान होने का गौरव भी प्राप्त है। वर्तमान में संविधान के मूल आत्म को जीवंत करते हुए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बच्चो, युवाओं, बुजुर्गों, महिलाओं, प्रकृति, पशुओं, और धर्म के रक्षार्थ बड़े कदम उठाए और यही वजह है कि देश तेजी से विकास कर रहा है।
झारखंड राज्य में जहां कभी पलायन का अभिशाप था, प्रकृति का दोहन प्राकृतिक संसाधन को चारागाह बना दिया गया। इस दौर में प्रधानमंत्री की गारंटी को झारखंड के पहले मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी आज भी जीवंत बनाए हुए हैं और आम लोगों के अधिकार के साथ आदिवासियों के अस्तित्व, यहां के जल जंगल जमीन की रक्षा को लेकर अनवरत अभियान में लगे हुए हैं। बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में झारखंड की दशा और दिशा को लेकर स्पष्ट दृश्य है। मगर आज संविधान को ताख़ पर रख कर सत्ता के रास्ते झारखंड के जल जंगल जमीन के साथ यहां के लोगों का अधिकार छीना जा रहा है।
देश जब अपने गणतंत्र का 75 वा वर्षगांठ मना रहा है तब यह तय करना लाजमी हो जाता है कि गांव शहर के साथ राज्य और देश का विकास को किस नेतृत्व को सौंपा जाय जो हमारे संविधान की रक्षा कर सके।
आने वाले समय में देश के आम लोगों के पास यह अधिकार एक बार फिर आने वाला है और इसके लिए देश के युवाओं महिलाओं और बुजुर्गों को जागृत होकर निर्णय लेना होगा और यह निर्णय जितना स्पष्ट होगा हमारा संविधान उतना ही सुरक्षित रहेगा।
समस्त झारखंड वासियों और देश वासियों को गणतंत्र दिवस की ढेरों शुभकामनाएं।
सीताराम प्रसाद, दुमका प्रभारी भाजपा, झारखंड

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