आजादी के बाद 1950 में 26 जनवरी को हमारा संविधान लागू हुआ। जिसमे देश के नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के साथ न्याय व्यवस्था को सुसज्जित किया गया। वर्तमान में संविधान के तत्वों की रक्षा को लेकर चर्चा होती है। देश के नेतृत्व जब मजबूत हाथों में होता है तो संविधान के तत्व भी सुरक्षित रहता है। इसकी मजबूती को लेकर सामाजिक संगठनों का दायित्व भी बढ़ जाता है। सामाजिक संगठनों द्वारा आम लोगों को संविधान के तहत मिले अधिकारों की जानकारी देने और अधिकार दिलाने को लेकर जीतना कार्य किया जायेगा। मानव जीवन उतना सुंदर और सुदृढ़ होगा। इसलिए समाज में कार्य कर रहे संगठनों को ईमानदारी से अपने कर्तव्य का निर्वहन करना चाहिए जो संविधान के रक्षा और मजबूती को अतिरिक्त बल प्रदान करने में सक्षम होगा।
धनबाद नगर वासियों के साथ झारखंड के समस्त प्रदेशवासी और समस्त देशवासियों को गणतंत्र दिवस की ढेरों शुभकामनाएं।
डॉ बालेश्वर प्रसार कुशवाहा, केंद्रीय अध्यक्ष नागरिक संघर्ष मोर्चा, सह धनबाद प्रभारी मानव अधिकार प्रोटेक्शन