कैंसर बीमारी को लेकर जागरूकता के लिए सेमिनार का आयोजन

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धनबाद। कैंसर विश्व स्तर पर एक महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंता है, और विश्व कैंसर दिवस बीमारी, इसके जोखिम कारकों और शीघ्र निदान के महत्व के बारे में जानकारी प्रसारित करने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है।इस अवसर पर असर्फी कैंसर संस्थान में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में कैंसर रोग के इलाज़,कारण एवं लक्षण आदि के बारी में जानकारी दी गई। कांफ्रेंस के माध्यम से असर्फी कैंसर संस्थान प्रबंधन द्वारा यह जानकारी दी गई की अब लोगो को कैंसर के इलाज़ के लिए मुंबई,कोलकाता,भेल्लोरे आदि जैसे शहरों में जाने की जरूरत नहीं। असर्फी कैंसर संस्थान में वही तरिका वही इलाज़ के तर्ज पर अत्याधुनिक मशीनों एवं अनुभवी कैंसर रोग विशेषज्ञों के द्वारा इलाज़ की सभी सुविधा उपलब्ध है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार, कैंसर दुनिया भर में मौत का एक प्रमुख कारण है।जिसमें सबसे बड़ा योगदान स्तन कैंसर (Breast Cancer),फेफड़े का कैंसर (Lung Cancer), बृहदान्त्र कैंसर (Colon Cancer), मलाशय कैंसर (Rectum Cancer), पेट का कैंसर (Stomach Cancer) और लीवर कैंसर (Liver Cancer) का है. इसके अलावा प्रोस्टेट कैंसर, स्किन कैंसर से भी सबसे ज्यादा होने वाले कैंसर के प्रकार में शामिल है।4 फरवरी को अंतर्राष्ट्रीय कैंसर दिवस मनाया जाता है।इस साल विश्व कैंसर दिवस का थीम “क्लोज द केयर गैप” रखा गया है। यह कैंसर, इसकी रोकथाम, शीघ्र पता लगाने और उपचार के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए समर्पित दिन है। इसका उद्देश्य जनता को स्वस्थ जीवन शैली जीने, नियमित जांच कराने और कैंसर के लक्षणों के बारे में जागरूक रहने के महत्व के बारे में शिक्षित करना है। विश्व कैंसर दिवस पर असर्फी कैंसर संस्थान में निःशुल्क कैंसर जांच किया जाएगा ।शिविर में लोगो को महसूस होने वाले लक्षण के अनुसार उनका जांच किया जाएगा और पता लगाया जाएगा की उन्हें किसी भी प्रकार का कैंसर रोग है या नहीं।असर्फी कैंसर संस्थान के स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक लोगों के बीच कैंसर को लेकर फैली मिथ काफी गंभीर है।उनका कहना है की लोगो में ये भ्रामकता है कि कैंसर कभी ठीक नहीं होता। वो कहते है की कैंसर के कारण होने वाली मौत का खतरा, रोग के प्रकार और स्टेज पर निर्भर करता है। कैंसर का पता लगाने और उपचार के क्षेत्र में तकनीकी प्रगति ने इस दिशा में काफी बेहतर काम किया है।इसके लिए ज़रूरी है कि लोगो को प्रारंभिक पहचान और उपचार कराना चाहिए।अगर प्रारंभिक पहचान कर बिमारी का इलाज़ कराया जाए तो अधिकांश रोगियों की जान बचाई जा सकती है।उदाहरण के तौर पर उन्होंने युवराज सिंह, संजय दत्त जैसे स्टार के नाम गिनाये । संस्थान के सीईओ हरेंद्र सिंह ने बताया कि असर्फी कैंसर संस्थान में सभी नैदानिक सुविधाओं के साथ इलाज़ की सभी सुविधाएं उपलब्ध है, जिससे किसी को भी अब दिल्ली,मुंबई,भेल्लोर आदि जैसे बड़े शहरों में जाने की ज़रूरत नहीं।यह दिन कैंसर से बचे लोगों और वर्तमान में इस बीमारी से जूझ रहे लोगों का सम्मान और समर्थन करने के साथ-साथ उन लोगों को याद करने का भी अवसर प्रदान करता है जिन्होंने कैंसर से अपनी जान गंवा दी है।यह कैंसर रोगियों के लिए अनुसंधान, वित्त पोषण और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंच के महत्व पर जोर देने का अवसर है।महिलाओ में ब्रेस्ट कैंसर सबसे अधिक फैलने वाले कैंसर में से एक हैं।कैंसर के दो तिहाई मामलों में इसका कारण तंबाकू, शराब और खराब लाइफस्टाइल और खानपान है। इस दो तिहाई में भी 40 प्रतिशत तंबाकू एवं शराब के कारण होते हैं। लाइफस्टाइल में खानपान से लेकर शारीरिक व्यायाम तक शामिल है।वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन के अनुसार, हर साल लगभग कैंसर से 10 मिलियन लोगों की मौत होती है।जिसमे महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर से होने वाली मौतों का आंकड़ा भी 25% है। कैंसर के शुरुआती लक्षणों में वजन कम होना, शरीर के किसी भी हिस्से में गाँठ होना, बुखार, भूख में कमी, हड्डियों में दर्द, खांसी या मुंह से खून आना शामिल है। अगर किसी भी व्यक्ति को ये लक्षण दिखाई देते हैं, तो उसे तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।हेल्दी रहने के लिए हेल्दी डायट लेना बहुत जरूरी होता है। प्लांट बेस्ड फूड, होलग्रेन फूड, फाइबर, विटामिन डी पर फोकस करें, इसके अलावा प्रोसेस्ड फूड या मीट और डब्बा बंद खाना और रेडी टू ईट खाना न खाएं क्योंकि यह कैंसर के जोखिम को बढ़ाने का काम करती है। रोजाना आधे घंटे तक एक्सरसाइज करना कैंसर के खतरे को कम करने में सहायक होता है।महिलाओं को बीएमआई पर ध्यान रखना चाहिए,बीएमआई अगर ठीक है तो गर्भाशय कैंसर का खतरा कम रहता है। अगर नियमित रूप से व्यायाम करते हैं तो कैंसर का खतरा काफी कम हो जाता है। कमज़ोर सैल्स और लोवर इम्युनिटी कैंसर का कारण बन सकते हैं, एक्सरसाइज करना सैल्स को हेल्दी बनाता है और इम्युनिटी को बढ़ाता है जिसके प्रभाव से कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से बचाव होता है। कैंसर के इलाज के लिए सर्जरी, रेडिएशन थेरेपी, कीमोथेरेपी,हार्मोन थेरेपी और इम्यूनोथेरेपी की जाती है इसके अलावा सर्जिकल ट्रीटमेंट और नॉन- सर्जिकल ट्रीटमेंट किए जाते हैं।असर्फी कैंसर संस्थान में मुंह का कैंसर, गले का कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर, गर्भाशय कैंसर, पेट का कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर, ब्रेन कैंसर, लंग कैंसर, बोन कैंसर इत्यादि के इलाज़ के लिए रेडियोथेरेपी, केमोथेरपी अथवा टारगेट थेरेपी एवं सभी प्रकार के कैंसर के सर्जरी की सुविधा उपलब्ध है।संस्थान में अत्याधुनिक इंफ्रास्टक्चर, अनुभवी कैंसर रोग विशेषज्ञ, अत्याधुनिक रेडिएशन मशीन,पेट सिटी,मेमोग्राफी मशीन,150 बेड आदि की सुविधा उपलब्ध है। उपयुक्त बातों की जानकारी असर्फी कैंसर संस्थान प्रबंधक की ओर से कर दी गई ।कार्यक्रम में में असर्फी कैंसर संस्थान के कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. बिप्लब मिश्रा,डॉ.मोनिका गुप्ता ,सीईओ हरेंद्र सिंह,प्रबंधक गोपाल सिंह,कॉर्पोरेट हेड संतोष सिंह एजीएम उपायुक्ता आदि मौजूद थे।

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