@ विजय कुमार
नगरीकला के ग्रामीणों ने बैठक कर बीसीसीएल प्रबंधन को चेताया
हर हाल में खेती योग्य जमीन को लूटने नही देंगे
नागरिकला के रैयत गोलबंद
3 सितम्बर को बीसीसीएल प्रबंधन और अंचल अधिकारी करेंगे जमीन की मापी
तेतुलमुड़ी के विस्थापितों को बसाने की है योजना
बाघमारा. बाघमारा के नगरीकला मौजा की 217.53 डिसमिल खेती योग्य जमीन को लेकर ग्रामीण गोलबंद हो रहे हैँ. बीसीसीएल के नापी और अधिग्रहण के प्रयासों के खिलाफ स्थानीय ग्रामीणों ने कड़ा ऐतराज जताया है। 3 सितंबर को बाघमारा अंचल और बीसीसीएल अधिकारियों द्वारा नागरिकला मौजा की जमीन की नापी किए जाने के विरोध में हजारों की संख्या में ग्रामीण हथियार लेकर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
नगरीकला उत्तर पंचायत के मुखिया राजेन्द्र प्रसाद महतो उर्फ रिंकु महतो ने ग्रामीणों को संबोधित करते हुए स्पष्ट कहा कि उनकी जमीन किसी भी कीमत पर बीसीसीएल को नहीं दी जाएगी। उन्होंने ग्रामीणों से एकजुट होकर आवाज उठाने और अपनी जमीन की रक्षा करने की अपील की। “हम अपनी जमीन की रक्षा के लिए अपनी जान भी देने को तैयार हैं,
मंजू देवी ने कहा कि हमारी आजीविका का आधार खेती है. हम खेती योग्य जमीन को किसी कीमत पर लूटने नही देंगे.
नागरिकला उत्तर पंचायत में रणनीति बनाने को लेकर बैठक आयोजित किया गया. जिसमे वक्ताओं ने 1984-85 में बीसीसीएल ने इस जमीन को अधिग्रहित किया था, जिसमें कुल 123 रैयत शामिल हैं। इनमें से 23 रैयतों ने मात्र कौड़ी के भाव में मुआवजा प्राप्त किया था। ग्रामीणों का कहना है कि कोयला खनन के बाद बीसीसीएल को जमीन का समतलीकरण कर उसे पुनः रैयतों को सौंपना चाहिए।
बैठक में ग्रामीणों ने 3 सितंबर को ऐतिहासिक प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है, जिसमें वे रांची नगरी की लड़ाई की तरह ही अपनी एकता और संघर्ष का परिचय देंगे। इस दौरान ग्रामीण अपने अधिकारों के लिए मजबूत आवाज उठाएंगे।
इस बैठक में मुखिया राजेन्द्र प्रसाद महतो, शिव प्रसाद महतो, नारायण महतो, परशुराम रवानी, जगदीश महतो, सुभाष महतो, गंगा महतो, मीना देवी समेत सैकड़ों ग्रामीण उपस्थित थे, जिन्होंने एकता और संघर्ष का संदेश दिया।