अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस 8 सितम्बर पर विशेष
धनबाद. अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस 8 सितम्बर पर सामाजिक कार्यकर्त्ता सविता कुमारी ने महिला शिक्षा पर जोर देने की बात कही. सविता कुमारी ने माना कि महिलाओं में साक्षरता दर कम है. सविता कुमारी ने कहा कि भारत में साक्षरता दर वैश्विक सौसत से कम है. करीब चार फीसदी का अंतर है. देश में ही पुरुष और महिला साक्षरता दर में 12 फीसदी से ज्यादा का अंतर है. यह अंतर शहरी क्षेत्र से अधिक ग्रामीण क्षेत्र में है. महिलाओं में साक्षरता दर कम होने के कई कारणों में सामाजिक और आर्थिक स्थिति दोनों शामिल है. प्राथमिक शिक्षा में लड़कियों की संख्या लड़को से कम है और दशवी तक जाते जाते यह संख्या और कम हो जाती है. उच्च शिक्षा में यह संख्या बहुत कम है. जिसे बढ़ाने की जरूरत है.
महिलाओं में शिक्षा दर कम होने के कारण सामाजिक बदलाव और परिवार की स्थिति में सुधार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. विकास में भागीदारी कम हो जाती है और सरकार पर अप्रत्यक्ष बोझ बढ़ता है. जरुरत है कि प्राथमिक शिक्षा में लड़कियों की भागीदारी को सुनिश्चित किया जाय और उच्च शिक्षा तक प्रोत्साहित किया जाय. करीब तीन दशक से सरकार साक्षरता दर बढ़ाने को लेकर कार्य कर रही है जिसका असर साक्षरता दर पर अनुकूल असर पड़ा है. 2011 के 64 फीसदी से बढ़कर 2024 के एनसीसीओ के आंकड़ों के आधार पर यह आंकड़ा बढ़ कर 74 फीसदी हो गया है. लेकिन पुरुषो के अपेक्षा महिला दर 12 फीसदी कम है. जिसे बढ़ाने केलिए सरकारी पहल के साथ सामाजिक संगठनों को भी पहल करनी होगी और समाज के भीतर ऐसा माहौल बनाना होगा जिसमें महिला शिक्षा को बढ़ावा मिले.