101 कलश शोभा यात्रा का नगर भ्रमण
कतरास। ईस्ट बसुरिया के रंगुनी पंचायत अंतर्गत शबरी आश्रम में श्रीराम भक्त शिरोमणि माता शबरी की जयंती धूमधाम से मनाया गया। शबरी जयंती के पावन अवसर पर 101 कलश शोभा यात्रा निकाला गया। जिसमे महिलाएं और कुंवारी कन्याओं ने भाग लिया। शबरी आश्रम से कलश शोभा यात्रा के साथ धर्मध्वजा के साथ सैकड़ों भक्त शामिल हुए नगर भ्रमण करते हुए कलश शोभा यात्रा इमली तालाब पहुंचा। इमली तालाब में पंडित महेश चंद्र पांडे और लाल पांडे ने विधिवत पूजा अर्चना कर वैदिक मंत्रोचारण के साथ जल भरण की विधि कराई। कलश यात्रा में रिंकी कुमारी, शिम्पी कुमारी, मुस्कान कुमारी, सपना कुमारी, लक्ष्मी कुमारी, निशा कुमारी, सानिया कुमारी, शबरी कुमारी आदि शामिल थी। कलश में जल भरण की विधि कर शोभा यात्रा शबरी आश्रम पहुंचा जहां कलश की विधिवत स्थापना की गई।

शबरी जयंती के अवसर पर रंगारंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुवात अतिथियों द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया। अखिल भारतीय भुइयां समाज कल्याण समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष दुलाल भुईयां , नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित किया । मंचासीन अतिथि टुंडी विधायक मथुरा प्रसाद महतो, जिला परिषद सदस्य इसराफिल खान उर्फ लाल, सुबोध भारती, इंद्रदेव भुईयां, जिला अध्यक्ष गणेश भुईयां की गरिमामय उपस्थिति रही।
कार्यक्रम का संचालन सीता राम भुइयां ने किया। रंगारंग कार्यक्रम में गीत संगीत के साथ दशरथ मांझी पर आधारित नाटक का मंचन भी किया गया।
शबरी जयंती के अवसर पर एक जोड़ा विवाह कराया गया। दूल्हा कैलाश भुईयां, पिता जगदीश भुईयां निवासी घानूडीह संग दुल्हन सोनवा कुमारी पिता अमेरिकन भुइया, निवासी गोलकड़ीह का विवाह संपन्न कराया गया। अतिथियों ने नव दंपत्ति को सुखमय जीवन का आशीर्वाद दिया।

अमर बाउरी ने अपने संबोधन में कहा कि हमारा समाज हनुमान की तरह शक्ति रखता है बस उसे जागृत करने की जरूरत है। हम माता शबरी, संत रविदास के वंशज हैं हमने पहाड़ का सीना चीर कर रास्ता बनाया है तो धरती का सीना चीर कर कोयला निकाल कर देश को गति दी है।
दुलाल भुइयां ने कहा कि हमे समाज को शिक्षित बनाने की जरूरत है जब हम शिक्षा को हथियार बनाएंगे तभी संगठित भी होंगे और अपने अधिकार के लिए लड़ सकते हैं। शिक्षा के आधार पर ही समाज का विकास होगा।
मथुरा प्रसाद महतो ने कहा कि शबरी माता धैर्य का सबसे उत्तम उदाहरण हैं। श्रीराम का इंतजार करने में उन्होंने को त्याग किया उससे सीखने की जरूरत है जीवन में धैर्य विश्वास और आस्था को समझने की जरूरत है। इसी के बाल पर समाज का उत्थान हो सकता है।

मौके पर आश्रम के महंत चितरंजन दास, महामंत्री इंद्रदेव भुईयां, जिला अध्यक्ष गणेश भुईयां, रामजीत भुईयां, गौरी कुमार चेता, बाबू चंद भुईयां, रॉबिन भुईयां, देवीलाल भुईयां,जय कुमार, फागु दास, मनीष कुमार, प्रकाश भुईयां , साधु शरण, राजेंद्र भुईयां, लखन भुईयां, दिलीप भुईयां आदि मौजूद थे।