धनबाद. धनबाद नगर निगम का चुनाव 2010 में पहली बार हुआ था. तब लोगों को लगा था कि धनबाद का विकास तेजी से होगा. और हुआ भी. लेकिन 2020 में निगम चुनाव कोरोना संक्रमण के कारण टाल दिया गया. जिसके बाद ओ बी सी आरक्षण के मुद्दे पर मामला लटक गया. ट्रिपल टेस्ट जैसे सुझाव लाया गया. फिलहाल मामला झारखण्ड हाई कोर्ट में लंबित है. झारखण्ड हाई कोर्ट से लगभग दस माह पूर्व ही निगम चुनाव कराने की टिप्पणी दी थी. वही झारखण्ड सरकार की अपनी दलील है.. अगले तीन चार माह में निगम चुनाव की उम्मीद जताई जा रही है.
धनबाद नगर निगम चुनाव नही होने से विकास कार्य प्रभावित हो रहा है. वार्ड स्तर पर समुचित विकास नही हो पा रहा है. जनहित के मुद्दे गौंड होते जा रही है. जनप्रतिनिधि विहीन स्थिति विकास के लिए बाधक है. झारखण्ड सरकार को जल्द ही नगर निगम चुनाव कराने पर विचार करना चाहिए. झारखण्ड चुनाव आयुक्त की नियुक्ति के बाद उम्मीद जगी है कि नगर निगम चुनाव अगले कुछ माह में हो जाय. यह विकास की अवधारणा को मूर्त करेगी.
