भूली नगर में मां काली पूजा की धूम :
जितेंद्र कुमार समाज सेवक भूली नगर धनबाद
कोयलांचल की सबसे बड़ी श्रमिक नगरी भूली के चारों ओर काली पूजा हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। दीपावली के मध्य रात्रि काली पूजा होती है, मां काली पूजा रक्त बीज दैत्य का वध से जुड़ा है रक्त बीज सभी देवी देवता को परेशान कर रखा था सभी देवी देवता त्राहिमाम कर रहे थे तभी मां काली ने वध करने का संकल्प लिया था और रक्त बीज का वध कर उसका खून पीकर आगे बढ़ रही थी भगवान शंकर मां काली के रौद्र रुप देखकर चिंतित हो गए थे तभी भगवान शंकर ने मां काली के सामने लेटकर उन्हें रोका था। क्योंकि संसार को बचाना था। मां काली का पूजा का भोग फल, फूल, खिचड़ी, मिठाई, पकवान इत्यादि से होता है। अनैतिक, अन्याय, कुरीति, पाखंडता पर सत्य की विजय है। मां काली लोगो का हर मनोकामना पूरी करती है। घरों के लोगो मध्य रात्रि लक्ष्मी गणेश की पूजा के बाद थाल लेकर मंडप पहुंचते हैं और श्रद्धा भाव से पूजन में लीन हो जाते है। मां काली का रूप से लोग पूजन कर आशीर्वाद मांगते है और प्राथना करते हैं हे मां हम सभी की रक्षा करें। जितेंद्र कुमार समाज सेवक का कहना है कि समाज के लोगों को श्रद्धा भाव से पूजन करना चाहिए। मन की शांति के साथ जो मनोकामना लोग मांगते है उसकी पूरी होती है। नकारात्मक शक्ति का काल रात्रि के पूजन से नाश होता है और सकारात्मक शक्ति और प्रभाव का वास होता है।

