झारखंड और झारखंडियों के अस्तित्व का सवाल – सावन सुमन

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धनबाद। झारखंड मुक्ति मोर्चा गिरिडीह का 51 वा स्थापना दिवस कार्यक्रम धनबाद जिला से अध्यक्ष लखी सोरेन, जिला सचिव मन्नू आलम, युवा मोर्चा जिला सचिव सावन सुमन, रवि पासवान, डबलू रजवार, रंजन यादव आदि शामिल हुए। कार्यक्रम में मुख्य रूप से मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन और पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना मुर्मू सोरेन उपस्थित हुई।
गिरिडीह से कल्पना मुर्मू सोरेन ने राजनीतिक शुरुवात की और हेमंत सोरेन की अनुपस्थिति में कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाया।
युवा मोर्चा के धनबाद जिला सचिव सावन सुमन ने बताया कि गिरिडीह में आयोजित सभा में हजारों हजार कार्यकर्ताओं की उपस्थिति बताती है कि दिल्ली के षड्यंत्र का झारखंड और झारखंड मुक्ति मोर्चा पर कोई असर नहीं हुआ है। दिल्ली का षडयंत्र फेल हो गया है। हजारों कार्यकर्ताओं एम कल्पना मुर्मू सोरेन का स्वागत किया।
सावन सुमन ने कहा कि यह लड़ाई झारखंड और झारखंडियों के अस्तित्व की लड़ाई है। यह सिद्धांतों और विचारों की लड़ाई है। एक नया उलगुलान का समय है। झारखंड में राजनीति का एक नया आयाम गढ़ा जायेगा यह इसकी शुरुवात है। हेमंत सोरेन ने झारखंड के अस्तित्व रक्षा और यहां के मूल भावना को संरक्षित करने का को कार्य किया उसे कल्पना मुर्मू सोरेन के नेतृत्व में आगे बढ़ाने का संकल्प है।
सावन सुमन ने कहा कि आनेवाले लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव को लेकर झारखंड का युवा जागृत और संगठित है। दिल्ली से किया जा रहा षड्यंत्र का पर्दा फाश होगा और जेल का ताला टूटेगा हेमंत सोरेन छूटेगा। गिरिडीह की सभा कई मायनों में ऐतिहासिक रहा है और इसका व्यापक असर झारखंड की राजनीति में आने वाले समय में दिखेगा।

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