धनबाद। 8 मार्च अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को महिलाओं के राजनीतिक और सामाजिक उत्थान के रूप में देखा जाना चाहिए। जब तक महिलाएं अपने सामाजिक और राजनीतिक अधिकारों के बारे में नही जानती। महिलाओं का उत्थान संभव नहीं है और इसके लिए महिलाओं को शिक्षित होना होगा। जब तक महिलाएं अक्षर ज्ञान को हथियार नही बनाती उनका उत्थान संभव नहीं है। और यह किसी गांव, शहर, राज्य या देश के लिए समान रूप से कार्य करता है। और किसी गांव शहर राज्य देश का विकास इस आधार पर मापा जा सकता है कि उस गांव शहर राज्य या देश में महिलाओं की शैक्षिक स्थिति क्या है। वहां की महिलाओं को राजनीतिक और सामाजिक भागीदारी कितनी है। सिर्फ संख्या मात्र होने से कुछ नही होगा। जरूरत है कि महिलाओं को शिक्षा के बल पर राजनीतिक और सामाजिक भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी। तभी इस अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का मनाना सार्थक हो सकेगा।
( अंजना देवी झारखंड राज्य के आंदोलनकारी शहीद शक्ति नाथ महतो की पुत्री और जानी मानी समाजसेवी हैं।)
