धनबाद। 8 मार्च अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस विश्व पटल पर महिलाओं को समानता और सम्मान देने को लेकर अपनी प्रतिबद्धता दोहराती है। आज महिलाओं के अधिकार उनकी आजादी और महिलाओं की वास्तविक स्थिति का मूल्यांकन का दिन है। उक्त बातें सामाजिक कार्यकर्ता सविता कुमारी ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर अपना विचार साझा करते हुए कहा ।
सविता कुमारी ने कहा कि एक ओर कामयाबी की ऊंचाइयां छूती महिला भी है और कन्या भ्रूण हत्या, दहेज पीड़ित, तेजाब पीड़ित, डायन बिसाही के नाम पर उत्पीड़न, घरेलू हिंसा से त्रस्त महिलाओं की फ़ौज भी है।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर महिलाओं को अक्षर ज्ञान की अनिवार्यता के साथ सामाजिक , आर्थिक, राजनीतिक आजादी के लिए संगठनात्मक शक्ति से जुड़ कर कार्य करना होगा।
आज हर उस क्षेत्र में महिलाएं कामयाब हो रही हैं जहां कभी सिर्फ पुरुषों का वर्चस्व माना जाता था। महिलाओं ने अपने शैक्षणिक, बौद्धिक क्षमता से यह ऐहसास दिला दिया है कि महिला चाहे तो कुछ भी कर सकती है।
विश्व की तमाम महिलाओं को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की ढेरों शुभकामनाएं। आपके शक्ति को वंदन है अभिनंदन है।
