भूली। नारी शक्ति जन सुविधा केंद्र की केंद्रीय अध्यक्ष सह पूर्व लोकसभा प्रत्याशी लक्ष्मी देवी ने बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर के 69 महापरिनिर्वाण दिवस पर अपनी संवेदना प्रकट करते हुए कहा कि बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर दलितों पिछड़ों वंचितों के आवाज थे। उन्होंने समाज में समान और सम्मान से जीवन यापन के लिए संविधान के माध्यम से अधिकार दिया और सामाजिक परिवर्तन के लिए शिक्षा को अपनाने की अपील की। शिक्षा के माध्यम से समाज के मुख्यधारा से जुड़ा जा सकता है और किसी भी समाज का उत्थान हो सकता है।
लक्ष्मी देवी ने कहा कि 69 महापरिनिर्वाण दिवस पर देश यह शपथ ले कि शिक्षा को प्राथमिकता से अपनाए और समाज में दबे कुचले वर्ग को मुख्यधारा से जोड़े। बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर ने संविधान में दिए अधिकारों के प्रति जागरूक हो संगठित हो अपने अधिकारों के लिए दायित्व के साथ लड़े। संविधान के 75 वर्ष बाद भी अगर एक वर्ग अपने अधिकार से अछूता है तो निश्चित रूप से हमारी योजना कमजोर, जागृति का अभाव और शिक्षा की कमी को दर्शाता है और हमें यह बेड़ी तोड़नी होगी तभी हम बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर जी को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित कर सकते हैं।

