मानव जीवन की रक्षा और सम्मान प्राथमिकता बने – सुंदिष्ट कुमार

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अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस पर विशेष

सुंदिष्ट कुमार मानव अधिकार प्रोटेक्शन के झारखंड प्रदेश प्रभारी हैं।
धनबाद। 10 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस मनाया जाता है। इसे विश्व के हर एक नागरिक के लिए उनके अधिकारों की रक्षा और सम्मान के लिए 1950 से सतत् मनाया जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस पर सभी को हार्दिक बधाई और आज यह सुनिश्चित करने का समय है कि हर एक नागरिक के मौलिक अधिकारों की रक्षा हो सके।
हाल ही कोयला राजधानी धनबाद में कुछ घटनाओं से मानवाधिकार से जुड़े सवाल को एक बार फिर ज्वलंत कर दिया है। धनबाद में भारत कोकिंग कोल लिमिटेड के अंतर्गत लकड़का , आकाश किनारी और केंदुआ के राजा बस्ती मस्जिद टोला में गैस रिसाव की घटना से मौत और सैकड़ों लोग प्रभावित हुए। धनबाद में सालों से भूमिगत आग की समस्या बनी हुई है और इसे रोका नहीं जा सका है। जिसके कारण समय समय पर भूमिगत आग और जहरीले गैस रिसाव की घटना होती रही है।
धनबाद प्रशासन ने केंदुआ में गैस रिसाव के बाद राजा बस्ती और उसके आसपास के लोगों को सुरक्षित दूसरे स्थान पर जाने की सलाह दी है। लेकिन विस्थापन को लेकर स्थिति अब भी स्पष्ट नहीं है। बीसीसीएल प्रबंधन या जिला प्रशासन ने विस्थापन नीति के लाभ को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं किया है। यहां सालों से रह रहे लोग अपना घर और रोजी रोटी छोड़ कर रातों रात कहीं और नहीं जा सकते। राजनीतिक प्रतिनिधि, सामाजिक नेतृत्वकर्ता के अपने राग के बीच यह स्पष्ट करना होगा कि यहां से विस्थापित होने के बाद यहां के लोगों को जीविकोपार्जन का माध्यम क्या और कैसे होगा। ताकि प्रभावित हर एक परिवार अपने मौलिक सम्मान की रक्षा करते हुए परिवार का भरण पोषण कर सके। इस सवाल को सुलझाए बगैर लोगों का विस्थापन उनके मौलिक अधिकार का हनन करना और उनके जीवन को जोखिम में डालने जैसा होगा।
मानव अधिकार प्रोटेक्शन धनबाद जिला प्रशासन और बीसीसीएल प्रबंधन से मांग करती है कि यहां के प्रभावित लोगों के अधिकार को सुरक्षित रखते हुए विकल्प को स्पष्ट करें। प्रभावित को मुआवजा मिले और सम्मान जनक जीवन बसर करने का अवसर।

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