भूली। अध्य्यम और आधुनिकता दोनो का महत्व जाने युवा। उक्त बातें नागरिक संघर्ष मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष डॉ बालेश्वर कुशवाहा ने भूली डी ब्लॉक स्थित स्वामी विवेकानंद के प्रतिमा पर उनके 161 वा जयंती अवसर पर माल्यार्पण के बाद कही।
डॉ बालेश्वर कुशवाहा ने कहा कि स्वामी विवेकानंद के अध्यात्म दर्शन को जीवन में तन और मन की शक्ति और सुद्धता के लिए अनिवार्य है वही आधुनिकता को स्वीकार कर अध्यात्म का विकास और विस्तार किया जा सकता है। जीवन में आडंबर का त्याग करने और सत्य अहिंसा को स्वीकारने की जरूरत है। मनुष्य जब अपने अध्यात्म और धर्म के प्रति मजबूत होना होगा और यह राष्ट्र के शक्ति के रूप में होना चाहिए।
नरेश पासवान ने कहा कि स्वामी विवेकानंद जी के 161 वी जयंती पर युवाओं को नई ऊर्जा के साथ राष्ट्र निर्माण और राष्ट्र शक्ति के रूप में कार्य करना चाहिए ।
जगदीश राय ने कहा कि युवाओं के लिए स्वामी विवेकानंद हमेशा से प्रेरणाश्रोत रहे हैं। उनके विचारों को आत्मसात करने की जरूरत है।
रेखा शर्मा ने कहा कि स्वामी विवेकानंद महिलाओं का सम्मान करते थे। आज महिलाओं पर हो रहे हिंसात्मक घटनाओं को रोकने के लिए स्वामी विवेकानंद के विचार को अपनाने की आवश्यकता है। स्वामी विवेकानंद जी के विचार और उनके सिद्धांतों पर चलकर ही समाज में महिलाओं का सम्मान हो सकता है और यह किसी भी राष्ट्र की पहचान का एक रूप है।
