श्यामा प्रसाद मुखर्जी का बलिदान जाया नहीं जाएगा – प्राची विश्वकर्मा

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श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस पर विशेष
प्राची विश्वकर्मा ( सौभाग्य स्वयं सहायता समूह की अध्यक्ष )
धनबाद। 6 जुलाई 1901 को कोलकाता में जन्मे श्यामा प्रसाद मुखर्जी शिक्षाविद् और कुशल राजनेता थे। भारत की एकता और अखंडता के रक्षार्थ भारतमाता के आर्त पुकार पर सबसे पहले दौड़ पड़नेवाले महापुरुष भारतीय जनसंघ के संस्थापक-अध्यक्ष और अपने युग के अप्रतिम तेजस्वी सांसद डा.श्यामा प्रसाद मुखर्जी. आज ही, 23 जून 1953 को डा.मुखर्जी भारतमाता के मणि-किरीट जम्मू कश्मीर में मातृभूमि की बलिवेदी पर चढ़ गए थे. स्वाधीन भारत की अखंडता और प्रभुसत्ता के लिए वह प्रथम बलिदान था जो इतिहास के पन्नों में देदीप्यमान है.
डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी का बलिदान कभी जाया नहीं जाएगा। हमारे दिलों में और भारतीय इतिहास में डॉ मुखर्जी के संघर्ष और बलिदान हमेशा याद किया जायेगा।

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