डॉ योगानंद झा रचित कविता यादवपुर की शान

साहित्य

यादवपुर की शान

भुवन विदित भूतल पर शोभित,
यादवपुर एक गांव है,
भूले भटके सभी जनों को,
नित देता छांव है।।
भारत का एक राज्य धन्य है,
झारखंड है उसका नाम
जहां विद्यालय गांधी स्मारक
सारे बच्चों का सुखधाम।।
मनभावन मनमोहक सुंदर,
पुरजन परिजन सभी मनोहर,
हरित पर्ण आच्छादित परिसर,
यहां सुशोभित उत्तम गुरुवार।।
विनययुक्त विद्यार्थी जीवन,
शिक्षक करते अध्यापन,
ज्ञान विज्ञान का खान यहां पर,
तकनीकी भी करते गुंजन।।
विनय शंकर पांडेय जी हैं,
विद्यालय के सर्वधार,
दौड़े भागे सभी पहुंचते,
जब भी करते कभी पुकार।।
नियम पालना जीवनव्रत है,
हर शिक्षक हैं परम उदार,
तन मन में शांति सी छाई,
धेर्यवान भी परम अपार।।
ईश कृपा आशीष मिले यह,
विधार्थी हो परम महान,
प्राप्त करे विद्यालय गौरव,
हर समाज का हो कल्याण।।
जन जन में हो राष्ट्रभावना,
बच्चे बच्चे हों गुणवान,
अपना मान भले टल जाए,
पर यादवपुर का हो सम्मान।।

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