कृति झा ने राहुल झा के लिए रखा व्रत, मांगी अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद
भूली। मिथिलानियों का विवाह उपरांत श्रावण मास में मनाया जाने वाला मधुश्रावणी पर्व धूमधाम के साथ मनाया गया। विवाह के प्रथम वर्ष के श्रावण मास में पंचमी तिथि से पूजा आरंभ होता है और पंद्रह दिनों तक नव विवाहिता फूलों की डाली सजा कर भगवान शिव व पार्वती की आराधना करती है। भूली सी ब्लॉक निवासी बद्री नाथ झा की पुत्री कृति झा ने मधुश्रावणी पूजा बड़े धूमधाम से की।
ससुराल के अन्न का सेवन का है विशेष महत्व
मधुश्रावणी पर्व के पंद्रह दिनों तक नव विवाहिता अपने मायके में ही पूजा आराधना करती है। इस दौरान नव विवाहिता ससुराल से आया हुआ अन्न का ही प्रयोग करती है। मधुश्रावणी पर्व में चना और खीर के भोग का विशेष महत्व है और मधुश्रावणी कथा को सुनने वाली सभी महिलाओं को चना व खीर का भोग वितरण किया जाता है।
कृति झा ने पति राहुल झा के लिए रखा व्रत
कृति झा ने अपने पति राहुल झा के लिए व्रत रखा और मधुश्रावणी की पूजा कर भगवान शिव व पार्वती से अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मांगा।
मिथिलानियोँ के लिए खास है मधुश्रावणी पर्व
मिथिला की विवाहिता महिलाएं अपने सुहाग के लंबी उम्र के लिए जब तक सुहागिन रहती है तब तक मधुश्रावणी का व्रत रखती हैं।