@ विनोद कुमार सिंह
धनबाद। धनबाद कोयला को लेकर जितना प्रचलित और विख्यात है। उतनी ही यहां के मजदूरों के शोषण के लिए भी कुख्यात है। राष्ट्रीयकरण से पूर्व कोयला खदानों में कोयला उत्खनन कार्य में लगे मजदूर दबंगों के अधीन कार्य करते थे। कार्य के एवज में खाना और चंद पैसा मिलता था। उस वक्त मजदूरों का खूब शोषण किया गया। कोयला क्षेत्र का राष्ट्रीयकरण के बाद मजदूरों के वेतन में बढ़ोतरी और दबंगों के शोषण से मुक्ति मिली।
वर्तमान में आते आते कोयला क्षेत्र में एक बार फिर वैसी ही स्थिति स्पष्ट हो रही है जब कोयला उत्खनन कार्य में मजदूरों का शोषण किया जा रहा है और मजदूरों के हित में आवाज उठाने वाली मजदूर संगठन दबंगों की गोद में बैठी है या फिर प्रबंधन की चाटुकारिता में लिप्त है।
झारखंड विधानसभा चुनाव बहुत मायनों में महत्वपूर्ण होने वाला है। झारखंड में पलायन बेरोजगारी के दंश से मुक्ति के लिए सत्ता परिवर्तन की हवा चली है और सत्ता चंद रुपयों के लालच के डोर से गरीबों, मजदूरों को बांध कर रखना चाहती है। इस दौर में एक चेहरा ऐसा भी है जो धनबाद की मान्यता और झारखंड के सोच के विरुद्ध खड़ा है। शत्रुघ्न महतो उर्फ शरद दा बाघमारा विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी हैं और यूनाइटेड कोल वर्कर्स यूनियन के केंद्रीय अध्यक्ष। शत्रुघ्न महतो उर्फ शरद दा ने कोयला छेत्र में संचालित प्राइवेट कंपनियों में मजदूरों के शोषण को लेकर आवाज बुलंद किया है और बेरोजगार युवाओं की आवाज बने हैं। साथ ही कोयला क्षेत्र के संगठित मजदूरों के हक और अधिकार की मांग को लेकर हमेशा मुखर रहे हैं।
शत्रुघ्न महतो उर्फ शरद दा जैसे नेता धनबाद को विरले ही मिलता है जो हर हालात में मजदूर हितों के साथ प्रबंधन और दबंगों के गलत नीति के खिलाफ खड़ा रहता है।
बाघमारा विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी शत्रुघ्न महतो उर्फ शरद दा के जीत में वैसे मजदूर साथियों का भरपूर समर्थन मिलता दिख रहा है । शत्रुघ्न महतो उर्फ शरद दा के नेतृत्व में बाघमारा का विकास और इस क्षेत्र के संगठित और असंगठित मजदूरों के साथ आम जनता के हक और अधिकार की लड़ाई पूरी ईमानदारी से लड़ी जाएगी।
(विनोद कुमार सिंह यूनाइटेड कोल वर्कर्स यूनियन भूली क्षेत्रीय अस्पताल शाखा के सचिव हैं।)