संविधान की आत्म को निजी महत्वकांक्षा के लिए निकाला गया – डॉ कुशवाहा

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भूली। भूली के शिवपुरी में नागरिक संघर्ष मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष डॉ बालेश्वर प्रसाद कुशवाहा के अध्यक्षता में संविधान दिवस के अवसर पर गोष्ठी का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का संचालन पूर्व पार्षद रंजीत कुमार उर्फ बिल्लू ने किया।
मौके पर डॉ बालेश्वर प्रसाद कुशवाहा ने कहा कि संविधान लोकतंत्र का श्रृंगार है। भारतीय संविधान पूरे विश्व में सबसे बड़ा लिखित संविधान है। लेकिन दुर्भाग्य है कि राजनीति में निजी महत्वकांक्षा की पूर्ति के लिए 1975 में संविधान की आत्म को निकाल कर आपातकाल लागू किया गया। आज जरूरत है कि हम संविधान के आत्मा की रक्षा बाहरी घुसपैठियों से करें। अपने संविधान पर गर्व करें और इसकी रक्षा करें।
पूर्व पार्षद रंजीत कुमार उर्फ बिल्लू ने कहा कि आजादी के बाद 26 नवंबर 1949 को संविधान को स्वीकृत किया गया और 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया। अपने संविधान के प्रति जागरूक होने की जरूरत है। अपने संवैधानिक अधिकार के साथ अपने दायित्व का निर्वहन करने की जरूरत है। हम जागरूक होंगे तभी हमारा संविधान सुरक्षित रहेगा।
गोष्ठी में जगदीश प्रसाद राय, नगीना पासवान, सादिक खान, विशाल कुमार, अरविंद भुइयां, गोपाल शरण सिंह, किशोरी शर्मा, अवधेश प्रसाद आदि मौजूद थे।

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