जयंती विशेष
पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी में कई खूबियां थी। वे अपनी पार्टी का नेता हो या विरोधी पार्टी का, सबको साथ लेकर चलने की खूबी उन्हें दूसरे नेताओं से अलग करती थी। यही कारण था कि उन्हें अजातशत्रु भी कहा जाता था।
उन्हें भारत के प्रति निस्वार्थ समर्पण और समाज की सेवा के लिए भारत का दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण दिया गया। 1994 में उन्हें भारत का ‘सर्वश्रेष्ठ सांसद’ चुना गया। इनके अलावा भी उन्हें कई पुरस्कार, सम्मान और उपाधियों से नवाजा गया। अटलजी को 2015 में सर्वोच्च सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया। भाजपा में एक उदार चेहरे के रूप में उनकी पहचान थी।
अटल बिहारी वाजपेयी का मानना था कि सामाजिक स्तर पर राजनीति सभी समस्याओं का हल नहीं कर सकती । इसके लिए सामाजिक संगठनों को आगे आना चाहिए। सामाजिक विकास और जन कल्याण की भावना से सामाजिक संगठनों को नई भूमिका मिली। आज भी सामाजिक संगठनों की भूमिका महत्वपूर्ण है। अटल जी के विचारों को अन्य कई मामलों में स्वीकारा जाता है।
अटल बिहारी वाजपेयी जी के 100 जयंती पर शत शत नमन।
( लेखक यूनाइटेड कोल वर्कर्स यूनियन के रीजनल हॉस्पिटल भूली शाखा के सचिव हैं।)
