गजेंद्र सिंह रचित कविता शारदीय नवरात्र की वेला
पावन पर्व का स्वछ महिना,शारदीय नवरात्र की वेला है,माँ की कृपा है बरसती,असीम कृपा की वेला है। जो माँगो वो मिल जायेगी,माँ की हृदय अलवेला है,माँग लो अपनी सच्ची मन से,मुरादों की ये मेला है। नौ दिन का ये नवरात्रि,हर मुराद पूर्ण करती है,दीन दुखिया या धन्ना सेठ हो,सब के दुःख को हरती हैं। दुःख […]
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