अंकिता बेसरा रचित कविता गुलाम बेटियां
गुलाम बेटियां “भारत को आजाद हुएभले ही वर्षों बीत गएआज भी बेटी आजाद नहींना कोई क्यों? समझ सके” “भारत में रहनेवाले लोगखुद तो मौज मनाते हैंपर न जाने कुछ लोगशैतान क्यों? बन जाते हैं” “भारत जहां बेटियों कोदेवी की पदवी देता हैउसी भारत में कुछ लोगउसकी भी बोटी ले जाता है” “बेटा होने पर क्यों? […]
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