अमेरिका ने यूक्रेन पर रूसी हमले के बीच भारत-रूस की दोस्ती को लेकर प्रतिक्रिया दी है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में शुक्रवार को यूक्रेन में रूसी युद्ध समाप्त करने को लेकर एक प्रस्ताव पर वोटिंग हुई जिसमें भारत अनुपस्थित रहा. कहा जा रहा है कि भारत पर अमेरिका का दबाव था कि वो रूस के खिलाफ वोटिंग करे लेकिन भारत ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया. अब भारत रूस संबंधों पर अमेरिका ने कहा है कि रूस-भारत के संबंध अमेरिका-रूस के संबंधों से अलग हैं और ये ठीक है.
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया से कहा, ‘रूस के साथ हमारे रिश्ते निश्चित रूप से वैसे नहीं हैं जैसे भारत के साथ रूस के रिश्ते हैं. भारत और रूस रक्षा साझीदार है और उनका एक मजबूत रिश्ता है लेकिन हमारे और रूस के बीच ऐसा नहीं है. हमने हर उस देश, जिसके रूस से संबंध है, उनसे कहा है कि वो अंतर्राष्ट्रीय नियमों के तहत अपने रिश्ते का लाभ उठाएं.
नेड प्राइस ने भारत-अमेरिका संबंधों पर बात करते हुए कहा कि अमेरिका भारत के साथ महत्वपूर्ण हितों और मूल्यों को साझा करता है और भारत-रूस संबंधों पर अमेरिका को कोई आपत्ति नहीं है.
उन्होंने कहा, ‘हम भारत के साथ महत्वपूर्ण हितों और मुल्यों को साझा करते हैं और हम जानते हैं कि भारत का रूस के साथ संबंध, रूस के साथ हमारे संबंधों से अलग है. बेशक, ये ठीक है.
प्राइस ने कहा कि अमेरिका की भारत के साथ व्यापक रणनीतिक साझेदारी है. भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर से अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन की हालिया मुलाकात का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘आप जानते हैं, हमने अपने भारतीय समकक्ष विदेश मंत्री जयशंकर से क्वाड की बैठक में ऑस्ट्रेलिया में बात की थी. हमने मेलबर्न में विदेश मंत्री जयशंकर के साथ द्विपक्षीय मुद्दों पर बात की. हमने उनसे कहा कि विश्व के सभी देशों को… खासकर, उन देशों को जो रूस पर प्रभाव रखते हैं, उन्हें अपने अच्छे प्रभाव का इस्तेमाल अंतर्राष्ट्रीय कानून व्यवस्था को बचाए रखने के लिए करना चाहिए.